कब्ज क्या है? कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपाय
कब्ज एक आम सी दिखने वाली परेशानी है, लेकिन जब होती है तो दिन भी खराब कर देती है और मन भी चिड़चिड़ा बना देती है। पेट भारी लगता है, गैस बनती है, और टॉयलेट जाने के बाद भी ऐसा लगता है कि कुछ बाकी रह गया। क्या आपका प्रश्न भी इनमे से एक है ?
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इस लेख में हम कब्ज के बारे में सब कुछ जानेंगे – कि ये क्यों होती है, कैसे पहचानें, कैसे ठीक करें और कैसे इसे दोबारा होने से रोका जाए।
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What is Constipation |
कब्ज क्या होती है?
जब कोई इंसान हफ्ते में 3 बार से भी कम बार शौच करता है, या बहुत ज़्यादा जोर लगाना पड़ता है, या फिर मल बहुत सख्त और सूखा होता है – तो इसे कब्ज कहते हैं।
कई बार लोग रोज़ाना टॉयलेट जाते हैं, फिर भी उन्हें पेट पूरी तरह साफ़ नहीं लगता। वो भी कब्ज का ही लक्षण हो सकता है।
कब्ज के लक्षण (Symptoms)
कब्ज के कुछ आम लक्षण हैं:
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मल बहुत सख्त, सूखा और छोटा-छोटा टुकड़ों में निकलता है
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पेट भारी और फूला हुआ लगता है
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शौच में बहुत ज़्यादा जोर लगाना पड़ता है
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मल त्याग के बाद भी लगता है कुछ बच गया
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गैस बनती है और भूख नहीं लगती
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टॉयलेट जाने की इच्छा होती है पर निकलता नहीं
कब्ज होने के कारण (Causes)
कब्ज का कोई एक कारण नहीं होता। कई वजहों से पेट साफ़ नहीं होता:
1. फाइबर की कमी
अगर हम फल, सब्ज़ी और अनाज नहीं खाते, तो मल सख्त हो जाता है। फाइबर मल को नरम और ढीला रखता है।
2. पानी कम पीना
जब शरीर को पानी नहीं मिलता, तो मल सूखकर अटक जाता है। ये कब्ज की सबसे बड़ी वजहों में से एक है।
3. शारीरिक गतिविधि की कमी
जो लोग ज़्यादा चलते-फिरते नहीं हैं, या पूरा दिन बैठे रहते हैं, उनका पाचन तंत्र धीरे काम करता है।
4. प्राकृतिक कॉल को अनदेखा करना
टॉयलेट जाने की इच्छा होने पर भी कई लोग उसे रोकते हैं, जो बाद में आदत बन जाती है और कब्ज होने लगती है।
5. ट्रैवल या दिनचर्या में बदलाव
नई जगह, अलग खाना या टाइम टेबल बदलने से भी पेट बिगड़ता है।
6. तनाव और चिंता
मानसिक तनाव भी पेट को प्रभावित करता है। जब दिमाग शांत नहीं होता, तो पाचन भी धीमा हो जाता है।
7. दवाइयाँ
कुछ दवाइयाँ जैसे दर्द निवारक, आयरन, कैल्शियम या अवसाद की गोलियाँ कब्ज पैदा कर सकती हैं।
8. बीमारियाँ
थायरॉयड, डायबिटीज़ या पेट से जुड़ी समस्याएं भी कब्ज का कारण बन सकती हैं।
कब्ज के नुकसान (Complications)
कई लोग सोचते हैं कि कब्ज कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन लंबे समय तक इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है:
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बवासीर (पाइल्स)
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एनल फिशर (गुदा में कटाव)
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मल का फंस जाना (फेकल इम्पैक्शन)
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पेट में गैस और दर्द
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मन की चिड़चिड़ाहट और थकावट
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बार-बार शौच की इच्छा और परेशानी
कब्ज से बचने के आसान उपाय
थोड़ी-सी दिनचर्या की समझ से आप कब्ज से दूर रह सकते हैं:
1. फाइबर युक्त खाना खाएं
अपना खाना ऐसा रखें जिसमें ये चीज़ें हों:
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फल: सेब, केला, अमरूद, पपीता
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सब्ज़ियाँ: पालक, भिंडी, गाजर, चुकंदर
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साबुत अनाज: दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस, रोटी
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दालें और चना
2. खूब पानी पिएं
दिनभर में 7-8 गिलास पानी जरूर पिएं। सुबह गर्म पानी पीना बहुत फायदेमंद है।
3. रोज़ाना चलें या हल्का व्यायाम करें
थोड़ा टहलना, योग करना या सीढ़ियाँ चढ़ना पाचन के लिए अच्छा है।
4. शौच का समय तय करें
सुबह शौच जाना सबसे अच्छा होता है। मोबाइल पर ध्यान मत लगाएं, मन से बैठें।
5. तनाव से बचें
मन को शांत रखने के लिए मेडिटेशन करें, मनपसंद चीज़ें करें।
इलाज – कब्ज से छुटकारा कैसे पाएं?
घरेलू उपाय
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सुबह खाली पेट गर्म पानी में नींबू डालकर पिएं
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रात में किशमिश या अंजीर भिगोकर सुबह खाएं
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इसबगोल को गर्म दूध या पानी के साथ लें
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दिन में एक केला ज़रूर खाएं
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घी को अपने खाने में शामिल करें
दवाइयाँ
अगर घर के उपाय न काम करें, तो डॉक्टर की सलाह से:
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फाइबर सप्लीमेंट
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हल्के रेचक (laxatives)
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पेट साफ़ करने वाली आयुर्वेदिक चूर्ण जैसे त्रिफला
स्टूल सॉफ्टनर क्या है? { What is Stool Softeners for Constipation }
स्टूल सॉफ्टनर एक प्रकार की दवा होती है जो कब्ज (constipation) में राहत देने में मदद करती है। जब मल सख्त और सूखा हो जाता है, तो उसे बाहर निकाश्किलना मुल हो जाता है और दर्द महसूस होता है। स्टूल सॉफ्टनर मल को नरम करने का काम करता है ताकि वह आसानी से निकल सके। यह दवा आंतों में पानी खींचकर मल में नमी बनाए रखती है, जिससे मल मुलायम और बाहर निकालने में आसान हो जाता है। इसे डॉक्टर की सलाह पर ही लेना चाहिए, खासकर अगर कब्ज लंबे समय से हो। स्टूल सॉफ्टनर आमतौर पर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सर्जरी के बाद मरीजों को दिया जाता है, ताकि उन्हें मलत्याग में परेशानी न हो। हालांकि, इसे लम्बे समय तक उपयोग करना ठीक नहीं है, इसलिए संतुलित आहार और पानी का सेवन जरूरी होता है। यह दवा सिर्फ अस्थायी राहत देती है, न कि स्थायी इलाज।
बच्चों में कब्ज
बच्चों को भी कब्ज हो सकता है, खासकर जब:
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जंक फूड ज़्यादा खाते हैं
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पानी कम पीते हैं
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शौच से डरते हैं या रोकते हैं
उन्हें रंग-बिरंगे फल, ताज़ा खाना और टॉयलेट के लिए सही माहौल दें।
बुजुर्गों में कब्ज
बुजुर्गों में पाचन धीमा हो जाता है। साथ ही कई तरह की दवाइयाँ भी ली जाती हैं, जिससे पेट साफ़ नहीं होता।
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हल्का और फाइबर युक्त खाना दें
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सुबह-शाम टहलने की सलाह दें
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गर्म पानी पिलाएं
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पेट की हल्की मालिश करें
डॉक्टर को कब दिखाएं?
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जब कब्ज 2 हफ्ते से ज्यादा हो जाए
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मल में खून दिखे
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पेट में तेज दर्द हो
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अचानक वज़न कम हो
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जी मचलाना या उल्टी जैसा लगे
निष्कर्ष
कब्ज भले ही आम बात लगती है, पर अगर इसे ठीक ना किया जाए तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं। अच्छा खाना, सही समय पर पानी और थोड़ा चलना-फिरना – बस इतनी सी बात है। शर्म ना करें, शरीर का ध्यान रखना सबसे जरूरी है।
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