BEHAVIORAL ANALYSIS | मानवीय व्यव्हार का विश्लेषण

BEHAVIORAL ANALYSIS | मानवीय व्यव्हार का विश्लेषण

Behavioral  analysis in hindi

 मानवीय व्यव्हार का विश्लेषण 

 हैलो दोस्तों हमने अपने एक ब्लॉग में मानव व्यव्हार के बारे में पढ़ा था की कोई व्यक्ति किसी अन्य के साथ तथा किसी परिस्थिति में कैसा व्यव्हार करता है। लेकिन आज हम उसी मानव व्यव्हार का विश्लेषण करेंगे की  एक व्यक्ति किसी परिस्थिति में जो व्यव्हार करता है उसके  क्या कारण हो सकते है या वह ऐसा व्यव्हार क्यों करता है। 

Defination : -

Behavioral analysis is the techniques to understand human behaviour and study of feelings.

एक इंसान किसी के साथ या किसी परिस्थिति में कैसा व्यव्हार करता है यह जानने के लिए एक प्रक्रिया या विधि को पूरा करना पड़ता है जिसे हम व्यवहारात्मक विश्लेषण कहते है। व्यवहारात्मक विश्लेषण  (Behavioral Analysis) मानवीय व्यव्हार का ही एक भाग या अंग होता है जिसमे हम या पता लगा सकते है की व्यक्ति जो व्यव्हार करता है वह क्यों करता है।

जब एक व्यक्ति किसी के साथ व्यव्हार  करता है तो वह एक तरह की मनोवैज्ञानिक स्थिति में होता है जो उस व्यक्ति के व्यव्हार का कारण होती है। ये तीनो स्थिति इंसान के व्यव्हार करते समय सक्रीय रहती है जिन्हे हम अहम् स्थितियां (Ego States )कहते है अलग अलग प्रकार की होती है।   




1. PARENT EGO STATES ( पिता अहम् स्थिति )

2. ADULT EGO STATES  ( व्यस्क अहम् स्थिति )

3. CHILD EGO STATES   ( शिशु अहम् स्थिति )

ये तीनो अहम् स्थिति हर उम्र के व्यक्ति में विद्यमान रहती है जोकि किसी व्यक्ति से व्यव्हार करते समय एक अपने आप ही बलवती हो जाती है  जिसके कारण उस व्यक्ति का व्यव्हार प्रभावित होता है। ये तीनो अहम् स्थिति व्यक्ति के प्रकृति पर भी निर्भर होती है।  

     1. यदि एक व्यक्ति के व्यव्हार करते समय उसकी CHILD EGO STATES प्रभावी हो जाती है तो वह एक छोटे बच्चे की तरह बात करने लगेगा या कोई बचकानी हरकत करेगा। ऐसा केवल उसकी अहम् स्थिति के कारण होता है।

     2. जबकि एक व्यक्ति यदि एक व्यक्ति में ADULT EGO STATES प्रभावी हो तो वह एक व्यस्क की भांति ही व्यव्हार करेगा तथा जोशीली प्रवृति का दिखावा करने लगता है।  यह खुद को किसी जवान व्यक्ति के तरह समझकर सामने वाले व्यक्ति से बात करेगा। 

     3. जब एक व्यक्ति अपनी तीसरी अहम् स्थिति में  होता है जिसे हम  PARENT EGO STATES कहते है।  इस स्थिति के प्रभावी होने पर कोई व्यक्ति बड़ी बड़ी बाते करता है। वह खुदको अनुभवी व्यक्ति के तरह मानकर दुसरो के साथ व्यव्हार करता है।   

इसलिए किसी व्यक्ति के व्यव्हार के पीछे के कारण को यदि जानना है तो सबसे पहले हमें उसकी अहम् स्थिति को जानना होगा जिसके वजह से कोई व्यक्ति भिन्न भिन्न व्यव्हार करता है।  

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