सुनील छेत्री का परिवार, शिक्षा, करियर तथा जीवन परिचय। Sunil Chhetri's Biography in Hindi

सुनील छेत्री का परिवार, शिक्षा, करियर तथा जीवन परिचय। Sunil Chhetri's Biography in Hindi

 कौन है सुनील छेत्री ? सुनील छेत्री का परिवार, शिक्षा, करियर, नेट वर्थ, तथा परिचय। Sunil Chhetri's Biography in Hindi

हाल ही में फूटबाल प्लयेर सुनील छेत्री ने अपने जबरदस्त प्रदर्शन से भारतीयों का दिल जीत लिया है। 21 जून 2023, बुधवार को हुए फूटबाल मैच में भारत ने पाकिस्तान की टीम को 4-0 से हराकर जीत हासिल की जिसमे अकेले सुनील छेत्री ने 3 गोल (हैट्रिक) किये। उसके साथ ही 24 जून शनिवार को हुए दूसरे मैच में भारत ने दूसरे ग्रुप के मैच में नेपाल को 2-0 के स्कोर से हराया।  इस मैच में भी एक गोल करके वह  दूसरे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी बन चुके हैं। इसके साथ ही   सुनील छेत्री दुनिया के सक्रिय फुटबॉलरों में वह तीसरे स्थान पर हैं।  वह सक्रिय एशियाई खिलाड़ियों में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी बन चुके है। उन्होंने अब तक 139 फूटबाल मैच खेले जिसमे उन्होंने 91 गोल किये है। अपने शानदार प्रदर्शन के कारण इस समय लोग  सुनील छेत्री  बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते है।  इसलिए भारत का गौरव बढ़ाने वाले  सुनील छेत्री के बारे में विस्तार से जानते है -   
सुनील छेत्री (Sunil Chhetri)

सुनील छेत्री का जीवन परिचय 

नाम (NAME)       -    सुनील छेत्री 
पिता (FATHER)   -    खड़गा छेत्री
माता (MOTHER)  -    सुशीला छेत्री 
जन्म  (BIRTH)      -    3 अगस्त 1984 (सिकंदराबाद, आंध्र प्रदेश )
बहनें (SISTERS)   -    सीता और वंदना 
पत्नी  (WIFE)         -    सोनम भट्टाचार्य
बच्चे (CHILD)       -    कबीर छेत्री (पुत्र)
पेशा  (PROFESSION) -    फूटबाल प्लेयर 
प्रसिद्धि (FAMOUS FOR) -  दूसरे सर्वाधिक गोल करने वाले खिलाड़ी, भारतीय फ़ुटबॉल टीम के लिए अब तक                                                सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं,
स्थान (POSITION)          -   भारतीय फूटबाल टीम के कप्तान 
नेट वर्थ (NET WORTH)  -  लगभग एक मिलियन डॉलर ( लगभग 8 करोड़ रू.)

 कौन है सुनील छेत्री ? ( Who is Sunil Chhetri)

सुनील छेत्री एक भारतीय पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी हैं जिन्हें भारतीय फुटबॉल के इतिहास में सबसे महान फुटबॉलरों में से एक माना जाता है। सुनील छेत्री का जन्म 3 अगस्त 1984 को सिकंदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना), भारत में हुआ था। छेत्री मुख्य रूप से फॉरवर्ड के रूप में खेलते हैं और अपनी असाधारण गोल स्कोरिंग क्षमताओं, नेतृत्व कौशल और खेल के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। सुनील छेत्री की फुटबॉल यात्रा कम उम्र में शुरू हुई जब वह झारखंड के जमशेदपुर में प्रतिष्ठित टाटा फुटबॉल अकादमी में शामिल हुए। उन्होंने वहां अपने कौशल को निखारा और विभिन्न टूर्नामेंटों में अकादमी का प्रतिनिधित्व किया। उनकी प्रतिभा पर किसी का ध्यान नहीं गया और उन्होंने भारत और विदेशों में शीर्ष क्लबों का ध्यान आकर्षित किया।

 सुनील छेत्री के करियर की शुरुआत  ( Sunil Chhetri's Career )

2002 में, सुनील छेत्री ने भारत के सबसे सफल फुटबॉल क्लबों में से एक, मोहन बागान के लिए पेशेवर शुरुआत की। मैदान पर उनके प्रदर्शन ने राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और उन्होंने 2005 में भारत के लिए अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय कैप अर्जित की। तब से, सुनील छेत्री भारतीय राष्ट्रीय टीम का एक अभिन्न अंग बन गए हैं, और अपने देश का विशिष्ट रूप से प्रतिनिधित्व करते हैं।

छेत्री के पेशेवर करियर में उन्होंने भारत और विदेश दोनों में कई क्लबों के लिए खेला। उन्होंने मेजर लीग सॉकर (एमएलएस) में कैनसस सिटी विजार्ड्स (अब स्पोर्टिंग कैनसस सिटी) और पुर्तगाल में स्पोर्टिंग लिस्बन बी टीम जैसे अंतरराष्ट्रीय क्लबों के साथ काम किया था। हालाँकि, उन्हें अपना असली घर इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लब बेंगलुरु एफसी में मिला, जहाँ उन्होंने जबरदस्त सफलता हासिल की है। बेंगलुरु एफसी के साथ, छेत्री ने आई-लीग और इंडियन सुपर लीग सहित कई घरेलू खिताब जीते। उन्होंने क्लब की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके सर्वकालिक अग्रणी गोल स्कोरर बन गए। छेत्री के योगदान और नेतृत्व क्षमताओं ने उन्हें बेंगलुरु एफसी और भारतीय राष्ट्रीय टीम दोनों की कप्तानी दिलाई।

भारतीय फुटबॉल पर छेत्री का प्रभाव उनके क्लब प्रदर्शन से कहीं अधिक है। वह देश में खेल के लिए एक सच्चे राजदूत रहे हैं, जिन्होंने युवा फुटबॉलरों की एक पीढ़ी को प्रेरित किया है। वह लगातार भारतीय फुटबॉल का चेहरा रहे हैं, खेल को बढ़ावा दे रहे हैं और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी प्रतिष्ठा बढ़ा रहे हैं।

सितंबर 2021 में मेरी जानकारी के अनुसार, छेत्री ने अविश्वसनीय संख्या में गोल किए हैं, जिससे वह सबसे अधिक स्कोर करने वाले सक्रिय अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों में से एक बन गए हैं। उन्होंने कई व्यक्तिगत पुरस्कार भी हासिल किए हैं, जिनमें कई बार एआईएफएफ प्लेयर ऑफ द ईयर पुरस्कार भी शामिल है। 

मैदान के बाहर, छेत्री अपने विनम्र स्वभाव, व्यावसायिकता और खेल के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते हैं। वह धर्मार्थ पहलों में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं और उन्होंने सामाजिक कारणों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए अपने मंच का उपयोग किया है। अंत में, सुनील छेत्री एक असाधारण फुटबॉलर हैं और भारत में महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए एक आदर्श हैं। उनकी उल्लेखनीय गोल स्कोरिंग क्षमता, नेतृत्व गुण और खेल के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें भारतीय फुटबॉल का सच्चा किंवदंती बना दिया है।

सुनील छेत्री का  परिवार (Sunil Chhetri's Family)

 सुनील छेत्री एक घनिष्ठ परिवार से आते हैं जिसने उनके फुटबॉल करियर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 

माता -पिता तथा भाई-बहन -

सुनील छेत्री का जन्म खड़गा छेत्री और सुशीला छेत्री से हुआ था। उनके पिता, खड़गा छेत्री, भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत थे, और उनकी माँ, सुशीला छेत्री, एक गृहिणी हैं। उन्होंने छेत्री के चरित्र को आकार देने और उनकी पूरी यात्रा में उन्हें आवश्यक समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सुनील छेत्री की दो बहनें हैं जिनका नाम बंदना और सीता है। वे उनके फुटबॉल करियर के समर्थक रहे हैं और उनकी उत्कृष्टता की खोज में उनके साथ खड़े रहे हैं। छेत्री का अपनी बहनों के साथ गहरा रिश्ता है और वे उनके लिए प्रेरणा का स्रोत रही हैं।  

 पत्नी तथा बच्चे -

सुनील छेत्री का विवाह सोनम भट्टाचार्य से हुआ है, जो पूर्व भारतीय फुटबॉलर सुब्रत भट्टाचार्य की बेटी हैं। यह जोड़ी 2017 में शादी के बंधन में बंधी। सुनील छेत्री और सोनम भट्टाचार्य का एक बेटा है जिसका नाम कबीर छेत्री है, जिसका जन्म 2020 में हुआ था। कबीर दंपति की पहली संतान है, और छेत्री ने विभिन्न अवसरों पर अपने बेटे के लिए अपनी खुशी और प्यार व्यक्त किया है।

सुनील छेत्री का परिवार उनके समर्थन और प्रेरणा का निरंतर स्रोत रहा है। उन्होंने उसके पालन-पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उसकी फुटबॉल यात्रा के दौरान वे उसके साथ रहे हैं। छेत्री अक्सर अपने परिवार के अटूट समर्थन के लिए आभार और सराहना व्यक्त करते हैं, और उनका उनके जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव बना हुआ है।

सुनील छेत्री की शिक्षा  (Sunil Chhetri's Education)

 स्कूली शिक्षा: अपने पिता की भारतीय सेना में पोस्टिंग के कारण सुनील छेत्री ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभिन्न स्कूलों में पूरी की। परिणामस्वरूप, उन्होंने विभिन्न शहरों में विभिन्न स्कूलों में पढ़ाई की, जिनमें दिल्ली में आर्मी पब्लिक स्कूल, धौला कुआँ और गंगटोक, सिक्किम में बहाई स्कूल शामिल हैं।

टाटा फुटबॉल अकादमी: फुटबॉल के प्रति छेत्री के जुनून ने उन्हें झारखंड के जमशेदपुर में प्रतिष्ठित टाटा फुटबॉल अकादमी (टीएफए) में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। टीएफए युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और उन्हें समग्र फुटबॉल शिक्षा प्रदान करने के लिए जाना जाता है। छेत्री ने टीएफए में प्रशिक्षण लिया, जहां उन्होंने शैक्षणिक और फुटबॉल दोनों प्रशिक्षण प्राप्त किए।

टीएफए (TFA) में अपने समय के दौरान, छेत्री ने मुख्य रूप से अपने फुटबॉल कौशल को निखारने और एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होने पर ध्यान केंद्रित किया। अकादमी ने एक संरचित कार्यक्रम प्रदान किया जिसमें खेल का व्यावहारिक प्रशिक्षण और सैद्धांतिक ज्ञान दोनों शामिल थे। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि छेत्री का फुटबॉल के प्रति समर्पण और एक पेशेवर करियर की खोज का मतलब था कि उनका ध्यान पारंपरिक शैक्षणिक अर्थों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बजाय मुख्य रूप से खेल पर था।

हालाँकि उनकी औपचारिक उच्च शिक्षा या कॉलेज की डिग्री हासिल करने के बारे में विशिष्ट विवरण व्यापक रूप से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन यह उल्लेख करना उचित है कि छेत्री की फुटबॉल के प्रति प्रतिबद्धता और उसके बाद भारत के महानतम फुटबॉलरों में से एक बनने के लिए उनके जीवन में प्राथमिकता थी।

घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल के मैदान पर छेत्री की सफलता ने उन्हें भारत में कई महत्वाकांक्षी एथलीटों के लिए प्रेरणा बना दिया है, जो खेल जगत में अपने जुनून को आगे बढ़ाने और उत्कृष्टता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिभा के महत्व को प्रदर्शित करता है।

Related Posts -




-लियोनेल मेसी का जीवन परिचय तथा  सुविचार ?

--बिल गेट्स के अनमोल कथन | बिल गेट्स का सम्पूर्ण परिचय

--संदीप माहेश्वरी का जीवन परिचय | संदीप माहेश्वरी के जीवन पर निबंध 

-- यीशु कौन थे ? यीशु की मृत्यु कैसे हुई ?


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ