नीम करोली बाबा कौन थे ? कैंची धाम के बाबा नीम करोली | Baba Neem Karoli in Hindi

नीम करोली बाबा कौन थे ? कैंची धाम के बाबा नीम करोली | Baba Neem Karoli in Hindi

 नीम करोरी बाबा कौन थे ? बाबा नीम के करोली  चमत्कार 

कैंची धाम   (BABA NEEM KAROLI'S MIRACLES IN HINDI) 

नीम करोली बाबा कौन थे ? ( Who was Neem Karoli Baba )

बाबा नीम करोली (जिन्हें नीम करोरी बाबा या नीब करोरी बाबा के नाम से भी जाना जाता है) एक महान हिंदू गुरु थे। उनका वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। नीम करोली बाबा का जन्म उत्तरप्रदेश के एक गांव में वर्ष 1900 के करीब हुआ था. कहा जाता है कि 17 साल की आयु में ही बाबा को ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। उन्होंने कैंची नाम की जगह पर हनुमान जी का मंदिर की स्थापना की जिस वजह से उस जगह को कैंची धाम के नाम से जाना जाने लगा ।  बाबा के जीवनकाल और उनकी मृत्यु के बाद भी भक्तों ने अलौकिक और दिव्य चमत्कारों का अनुभव किया । बाबा नीम करोली के मार्गदर्शक स्वामी विष्णु तीर्थ और बाबा भगवान दास सहित कई आध्यात्मिक गुरु थे, और वह आध्यात्मिक गुरु राम दास से भी जुड़े थे। बाबा नीम करोली की शिक्षाओं ने भगवान की भक्ति, दूसरों की सेवा और एक सरल और शुद्ध जीवन जीने के महत्व पर जोर दिया। वह अपने चमत्कारों के लिए भी प्रसिद्ध है और बहुत से लोग मानते हैं कि उसके पास अलौकिक शक्तियां थीं। उनकी प्रसिद्धि के कारन भारत के प्रधानमंत्री जी , विराट कोहली , फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग , गूगल के संस्थापक ,तथा भारत की बड़ी बड़ी हस्तियां भी नीम करोली बाबा की भक्त है। 

नीम करोली बाबा 

कैंची धाम में हनुमान मंदिर ( Kainchi Dham Temple )

सन 1961 में बाबा नीम करोली नैनीताल यात्रा के लिए आए थे उस समय उन्होंने नैनीताल में हनुमानगढ़ी मंदिर की स्थापना की थी। यात्रा के दौरान बाबा नीम करोली कैंची नाम के जगह से गुजरे। वह जगह बाबा को बहुत अधिक पसंद आई  इसलिए उन्होंने वर्ष 1964 में 15 जून को उस जगह पर हनुमान जी के एक मूर्ति की स्थापना की। बाबा नीम करौली द्वारा स्थापित की गई हनुमान जी की मूर्ति की जगह पर एक भव्य मंदिर बनाया गया। इस मंदिर की प्रसिद्धि भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के अलग-अलग कोने में है। 15 जून 1964 में स्थापित किए गए इस मंदिर के कारण ही इस जगह का नाम कैंची धाम रख दिया गया। माना जाता है कि बाबा नीम करौली के भक्तों में विदेशी लोग भी शामिल है जो कि समय-समय पर कैंची धाम में आकर बाबा के भजन करते हैं।  आज के समय भी 15 जून के दिन को यहां पर प्रतिष्ठित दिवस के नाम से मनाया जाता है और इस दिन लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ यहां बाबा के मंदिर के दर्शन करने के लिए आती है। 

बाबा नीम करोली की अलौकिक शक्तियां 

माना जाता है कि बाबा नीम करोली ने अपने जीवनकाल में कई चमत्कार किए, जो उनके अनुयायियों की मौखिक परंपरा से आगे बढ़े। उनके लिए जिम्मेदार कुछ सबसे प्रसिद्ध चमत्कारों में शामिल हैं:

कहा जाता है कि बाबा नीम करोली में बीमारों को ठीक करने की शक्ति थी। कई लोगों ने दावा किया कि उनके द्वारा आशीर्वाद दिए जाने के बाद वे बीमारियों और बीमारियों से ठीक हो गए। बाबा नीम करोली को हवा से वस्तुओं को भौतिक बनाने की क्षमता के लिए जाना जाता था। वह अक्सर अपने अनुयायियों को रुद्राक्ष की माला जैसी पवित्र वस्तुएँ देते थे, जो अचानक उनके हाथों में आ जाती थी। कहा जाता है कि बाबा नीम करोली में खुद को और दूसरों को अलग-अलग जगहों पर टेलीपोर्ट करने की क्षमता थी। उनके एक ही समय में कई स्थानों पर प्रकट होने, या अचानक गायब होने और एक अलग स्थान पर फिर से प्रकट होने की कई कहानियाँ हैं।  बाबा नीम करोली को भविष्य की भविष्यवाणी करने की शक्ति माना जाता था। उनके कई अनुयायी महत्वपूर्ण फैसलों पर उनका मार्गदर्शन लेते थे और वह अक्सर उन्हें सलाह देते थे जो सटीक साबित होती थी।  बाबा नीम करोली के बारे में कहा जाता है कि आग और पानी जैसे तत्वों पर उनका नियंत्रण था। उसके हाथ की लहर से आग बुझाने, या सूखे के समय बारिश होने की कहानियाँ हैं।

बाबा नीम करोली द्वारा किये गए चमत्कार 

बाबा भले ही खुद को साधारण व्यक्ति बताते थे और भक्तों को खुद के पैर भी छूने नहीं देते । वे हमें एक साधारण से कंबल को ओढ़े रहते थे । लेकिन भक्त उन्हें इस युग का दिव्य पुरुष मानते हैं. बाबा के इन चमत्कारों के किस्सों को जान आप भी हैरान रह जाएंगे।

बाबा के चमत्कार से रुक गई बारिश

बाबा नीम करोली के चमत्कार के रूप में एक और घटना बताई जाती है की एक बार हनुमानगढ़ी मन्दिर के निर्माण कार्य के दौरान एक दिन भारी बारिश होने लगी. बारिश बहुत तेज होने के कारण निर्माण कार्य रुकने लगा लेकिन  तब नीम करोली बाबा बाहर आए और काली जलभरी घटाओं को आकाश की तरफ देखते हुए बोले, ये बड़ी उग्र है , बड़ी उग्र है! तब महाराज जी ने ऊपर देखते हुये अपने दोनों हाथों से अपने विशाल वक्ष से कम्बल हटाते कुछ गर्जन के साथ बोले. “पवन तनय बल पवन समाना”. बस इतना कहते ही तेज हवाओ के कारन बादल हट गए और बारिश थम गयी. बाबा के इस चमत्कार से आसमान में भी तेज धुप निकल आयी। 

बाबा ने रोक दी थी ट्रैन 

एक बार बाबा नीम करोली ट्रेन से हल्द्वानी की तरफ जा रहे थे तब उस ट्रेन के टीटी ने बाबा से टिकट दिखाने के लिए बोला लेकिन उस समय बाबा के पास टिकट नहीं थी। तब वह की टीम बाबा को ट्रेन से नीचे उतार देता है तम बाबा जाकर एक जगह पर बैठ जाते हैं। लेकिन जैसे ही बाबा ट्रेन से नीचे उतरते हैं वह ट्रेन बंद हो जाती है। लाख कोशिशों के बाद भी ट्रेन का ड्राइवर ट्रेन को चालू नहीं कर पा रहा था। जब इसकी सूचना नजदीकी स्टेशन पर दी गई तो वहां से भी कोई मदद नहीं मिल पाए। अंत में अपनी भूल का एहसास करके उसके देने बाबा नीम करोली को वापस ट्रेन में बैठने के लिए विनती की। राम बाबा नीम करोली ट्रेन में आकर वापस बैठ गए तब वह ट्रेन अपने आप ही चालू हो गई थी। 

 बाबा के छूने से जल उठी बातियाँ 

एक समय की बात है जब  भूमियाधार में कुछ  महिला भक्त बाबा के पूजन लिए आई थीं, लेकिन उस दिन बाबा आश्रम में नहीं थे. बाबा मोटर सड़क की द्वार पर बैठे थे. तब सभी माताएं बाबा के पूजन और दर्शन के लिए वहीं जाने का विचार करने लगी. लेकिन बाबा ने दूर से ही उन्हें हाथ हिलाकर लौट जाने का संकेत दिया।  बाबा जी के पास गुरूदत शर्मा भी बैठे थे. महिलाओं को निराश देखकर उन्होंने ने बाबा को दर्शन देने की प्रार्थना की. उनके कहने पर बाबा मान गए और उन्होंने माताओं को अनुमति दे दी और उन्हें जल्दी पूजा कर के जाने को कहा।  महिलाएं पूजा करने लगी लेकिन आरती के लिये वे दियासलाई (माचिस) लाना भूल गई थी।  माताओं ने बाबा के पास बैठे गुरुदत्त शर्मा को समस्या बताई, लेकिन वे उनकी सहायता करने में असमर्थ थे. तब बाबा ने रूई से सनी बत्तियों को हाथ में लिया और ‘ठुलिमां ठुलिमां’ कहते हुये हाथ घुमाने लगे और एकदम से बत्तियां जल उठी।  इस तरह एक बार फिर बाबा के चमत्कार से सभी अचंभित रह गए। 

नीम करोली बाबा के चमत्कारों की संख्या बहुत अधिक है लकिन अपनी जानकारी के अनुसार कुछ को ही हमने इसमें वर्णित किया है। आज भी कैंची धाम में भक्तो की भीड़ लगी रहती है और बाबा नीम करोली के आशीर्वाद तथा हनुमान जी की कृपा से  सभी की मनोकामनाएं यहाँ से पूरी होती है। 

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